Non-woven-bags
2 दिसम्बर 2022
नागपुर - महाराष्ट्र में अब 50 माइक्रान से कम मोटे प्लास्टिक का भी उपयोग पैकेजिंग के लिए किया जा सकेगा। हालांकि ऐसा उसी जगह पर किया जा सकेगा जहां पैकेजिंग के लिए इस्तेमाल की जाने वाली प्लास्टिक की मोटाई का उत्पादन गुणवत्ता पर असर हो रहा हो। पैकेजिंग के लिए 50 माइक्रान से अधिक मोटी प्लास्टिक के इस्तेमाल का नियम लागू रहेगा।
महाराष्ट्र सरकार के पर्यावरण व जलवायु परिवर्तन विभाग ने कल इस संबंध में अधिसूचना जारी की है। इसके मुताबिक अब महाराष्ट्र राज्य में 60 जीएसएम ( ग्रेमेग पर स्क्वेयर मीटर) से मोटी नाॅन ओवन बैग के उत्पादन और बिक्री पर लगी रोक को हटा लिया गया है। वहीं कम्पोस्टेबल पदार्थ से एकल इस्तेमाल में लाई जाने वाली वस्तुएं जैसे स्ट्रा,थाली,कप,गिलास, चम्मच बनाने के लिए केन्द्रीय पेट्रो रसायन अभियांत्रिकी एवं प्रौद्योगिकी संस्थान और केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण मंडल से प्रमाणन कराना होगा।
उल्लेखनीय है कि केंद्र एवं राज्य सरकार ने सिंगल यूज प्लास्टिक के उपयोग पर प्रतिबंध लगाया है लेकिन केंद्र एवं राज्य सरकार के नियमों में काफी अंतर होने के कारण महाराष्ट्र में नाॅन ओवन बैग बनाने वाले मुश्किल में हैं।