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वित्त मंत्रालय को भेजा प्रतिवेदन
16 सितम्बर 2025 8.50 PM
नागपुर - नागपुर चेंबर ऑफ कॉमर्स ने वित्त मंत्रालय को एक प्रतिवेदन भेजा है जिसमें निवेदन किया है कि जो करदाता ऑडिट के अंतर्गत आते हैं, उनकी अंतिम तारीख 30 सितम्बर से बढ़ाकर 30 नवम्बर की जाए। हाल ही में नाॅन ऑडिट तथा वेतनभोगी करदाताओं की रिटर्न फाइलिंग में ई पोर्टल के ठीक से काम न करने के बाद भी रिटर्न दाखिल करने की तारीख न बढाने से सरकार की बहुत किरकिरी हुई।बहुत से करदाताओं को सरकार की गलती के कारण भारी पेनाल्टी भरनी पड़ेगी।
एनसीसीएल के अध्यक्ष कैलाश जोगानी ने कहा है कि, वित्त मंत्रालय को चाहिए था कि रिटर्न भरने की यूटिलिटीज और स्मूथ पोर्टल अप्रैल माह में ही उपलब्ध कराए किंतु कुछ यूटिलिटीज जून, जुलाई में और बाकी अगस्त माह में रिलीज की गई। सरकार ने अपनी देरी के चलते जुलाई की तारीख सितम्बर तक बढा दी। सिर्फ एक माह का समय दिया गया और उस पर भी इन्फोसिस द्वारा निर्मित पोर्टल कछुए की गति से चल रहा था।
वित्त मंत्रालय और बोर्ड को अपनी पीठ थपथपाने की जगह आयकरदाता और प्रोफेशनल्स की कठिनाइयां भी देखनी चाहिए। बोर्ड ने टैक्स ऑडिट की यूटिलिटी भी 14 अगस्त 2025 को रिलीज की, जबकि अप्रैल में ही रिलीज कर देनी चाहिए थी लेकिन साढे तीन-चार माह विलंब से की गई।ऑडिट करवाने की अंतिम तारीख 30 सितम्बर रखी गई है,जिसे कम से कम दो माह बढाने की जरुरत है। 12 अक्टूबर से 27 अक्टूबर तक व्यापारियों का दिवाली सीजन रहेगा। इसलिए निवेदन किया है कि तारीख 30 नवम्बर की जाए।
नागपुर चेंबर ऑफ कॉमर्स ने सभी औद्योगिक संगठनों,व्यापारिक संस्थानों और एसोसिएशन्स से भी अनुरोध किया है कि वे भी तारीख बढाने के लिए सरकार को प्रतिवेदन भेजें। प्रायः देखा जा रहा है कि बार एसोसिएशन और सीए एसोसिएशन ही मांग करते हैं जबकि जो नुकसान होता है वह व्यापारियों और करदाताओं को सहना पड़ता है। सरकार ने यदि निवेदन पर ध्यान नहीं दिया तो रिट के माध्यम से कानूनी अधिकार के उपयोग की बात भी कही गई है।