फडणवीस ने महा मेट्रो को एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स का प्रमाण-पत्र सौंपा

Painter: Artist busy on his creative work

Maha-Metro

मेट्रो और शहरी मूलभूत सुविधा निर्माण में महा मेट्रो अद्वितीय 

19 मार्च 2023

नागपुर -  51 माह की अवधि में 24  किमी की मेट्रो लाइन का निर्माण, इंटिग्रेटेड उपयोग के लिए मेट्रो रेल परियोजना मे पहली सौर पीवी प्रणाली और शहरी क्षेत्र में रेल्वे लाइन पर भारी भरक सिंगल स्पॅन डबल डेकर स्टील ब्रिज के निर्माण को एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज किया गया है। इस संस्था की ओर से आज महा मेट्रो के प्रबंध निदेशक डॉ. बृजेश दीक्षित को उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के हस्ते प्रमाणपत्र प्रदान किया गया।

मेट्रो भवन में आयोजित समारोह में महा मेट्रो के प्रबंध निदेशक डॉ. बृजेश दीक्षित, निदेशक सुनील माथुर, अनिल कोकाटे एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स के प्रतिनिधि डॉ. सुनीता धोटे, डॉ. चित्रा जैन इस मौके पर मौजूद थे ।

उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि महा मेट्रो ने मेट्रो कॉरिडोर और शहरी क्षेत्रों में मूलभूत सुविधाओं के निर्माण के क्षेत्र में अद्भुत कार्य किए हैं। महा मेट्रो ने गड्डीगोदाम में रेलवे लाइन पर सबसे लंबे डबल डेकर पुल के निर्माण के साथ ही कम समय में सबसे बड़े मेट्रो कॉरिडोर का निर्माण जैसे उल्लेखनीय कार्य किए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में किए गए कार्यों से पूरा देश प्रेरित हुआ है, उसी  तरह डॉ. बृजेश दीक्षित के नेतृत्व में नागपुर मेट्रो की पूरी टीम ने अत्याधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार किया है। यह संरचना न केवल कलात्मक रूप से उत्कृष्ट है बल्कि जन सुविधाओ के अनुकूल है।

उन्होंने कहा कि मुझे खुशी है कि मैं महा मेट्रो की स्थापना के समय से ही इस परियोजना से जुड़ा हुआ हूं और मुझे विश्वास है कि यह भविष्य में भी अनूठे कार्यों को बढ़ावा देगा। मेट्रो भवन उत्कृष्ट वास्तुशिल्प डिजाइन का एक उदाहरण है और इस इमारत को इंडियन ग्रीन बिल्डिंग काउंसिल द्वारा उच्चतम प्लेटिनम रेटिंग से सम्मानित किया गया है। मैं पूरी महा मेट्रो टीम को का आभारी हूं और राज्य भर में किए गए शानदार काम के लिए टीम को बधाई देता हूं।

सबसे कम समय में सबसे लंबे मेट्रो रेल कॉरिडोर का निर्माण

महा मेट्रो ने 51 महीने के रिकॉर्ड समय में 24 किमी लंबे मेट्रो रेल कॉरिडोर का निर्माण पूरा किया। इस तरह नागपुर मेट्रो हर दो महीने में करीब एक किमी लंबा ट्रैक बनाती रही। मेट्रो परियोजना की कुल 40 किमी लंबाई में से 24 किमी का काम 51 महीनों में पूरा किया गया है।90 महीने में इस मार्ग पर यात्री यातायात शुरू हुआ। इसमें सीताबर्डी इंटरचेंज से खापरी मेट्रो स्टेशन तक 13.50 किमी उत्तर-दक्षिण  सेक्शन और लोकमान्य नगर मेट्रो से सीताबर्डी इंटरचेंज तक 10.60 किमी पूर्व-पश्चिम  सेक्शन शामिल है।

एकीकृत उपयोग के लिए मेट्रो रेल परियोजना में पहला सौर पीवी सिस्टम

 मेट्रो रेल प्रणाली के तहत संचालन और रखरखाव की कुल लागत का 40% से अधिक ऊर्जा पर है। ऊर्जा खर्च को कम करने के लिए अक्षय ऊर्जा उत्पादन को अपनाया गया है । मेट्रो रेल परियोजना की स्थापना के बाद ,सौर ऊर्जा प्रणालियों की स्थापना के माध्यम से सौर ऊर्जा का उपयोग करने के लिए इस संसाधन का उपयोग किया गया है। इसके तहत 31.03.2022 तक सोलर पीवी सिस्टम ने नागपुर मेट्रो में 38 लाख यूनिट से अधिक अक्षय ऊर्जा का उत्पादन किया है। इससे प्रति वर्ष लगभग 2635 टन कोयला और 129 लाख लीटर पानी की बचत होगी। रु. 5.5 करोड़ रु की बचत हुई है।

शहरी रेलवे ट्रैक पर सबसे भारी सिंगल स्पैन डबल डेकर स्टील ब्रिज ट्रस की स्थापना

गड्डीगोदाम में स्टील ब्रिज ट्रस डिजाइन, परिवहन और अत्याधुनिक तकनीक को देश में अपनाने की अपनी तरह अनूठी संरचना है। 1680 टन वजनी यह स्टील ब्रिज उच्चतम गुणवत्ता वाले स्टील से बना है। इस तरह के काम के लिए यहां परिस्थितियां बेहद कठिन थीं, लेकिन इसे सफलतापूर्वक बनाया गया है। यह पुल एक चार स्तरीय परिवहन प्रणाली का हिस्सा है जिसमें सड़क और रेल पुल,एक फ्लाईओवर और मेट्रो लाइन शामिल है।

कार्यक्रम के दौरान महा मेट्रो की ओर से नागपुर, पुणे मेट्रो रेल परियोजना के बारे में विस्तृत प्रस्तुति दी गई, जिस पर उपमुख्यमंत्री ने संतोष व्यक्त किया। साथ ही नासिक मेट्रो नियो रेल परियोजना की जानकारी लेने के बाद आवश्यक निर्देश दिए।





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