VIA-Exim-forum
6 दिसम्बर 2024 3.20 PM
नागपुर - विदर्भ इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के एक्जिम फोरम ने वीआईए ऑडिटोरियम, नागपुर में महाराष्ट्र की नई नीतियों - निर्यात नीति 2023 (निर्यात में बदलाव, महाराष्ट्र के भविष्य को समृद्ध बनाना) और लॉजिस्टिक्स नीति 2024 (महाराष्ट्र भारत राष्ट्र को जोड़ता है) पर संवादात्मक सत्र आयोजित किया।
नागपुर के उद्योग संयुक्त निदेशक गजेंद्र भारती ने विदर्भ के लिए नई निर्यात संभावनाओं, विदर्भ में लॉजिस्टिक्स अवसरों, निर्यात और लॉजिस्टिक्स के लिए राज्य सरकार के प्रोत्साहन-समर्थन पर प्रकाश डाला। भारती ने कहा कि महाराष्ट्र लॉजिस्टिक्स नीति 2024 का लक्ष्य 25 जिला लॉजिस्टिक्स नोड्स, पांच क्षेत्रीय हब, पांच राज्य हब, एक राष्ट्रीय हब और एक अंतरराष्ट्रीय हब सहित 10,000 एकड़ से अधिक समर्पित लॉजिस्टिक्स इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित करके महाराष्ट्र को लॉजिस्टिक्स हब के रूप में स्थापित करना है। नीति का लक्ष्य लाॅजिस्टिक्स लागत को कम से कम 5% तक कम करना, पारगमन दक्षता में सुधार करना और हरित पहलों के माध्यम से स्थिरता को बढ़ावा देना है। पांच साल या संशोधन तक वैध, यह नीति अवधि में लगभग 500,000 नई नौकरियों के सृजन और ₹30,000 करोड़ के राजस्व सृजन का लक्ष्य रखती है, जिससे आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलता है और अधिक टिकाऊ लाॅजिस्टिक्स पारिस्थितिकी तंत्र के लिए कार्बन फुटप्रिंट कम होता है।
महाराष्ट्र लाॅजिस्टिक्स पालिसी 2024 वित्तीय प्रोत्साहन प्रदान करती है, जिसमें विशेष पूंजी प्रोत्साहन, औद्योगिक दरों पर बिजली और महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे के लिए ₹5 करोड़ शामिल हैं। गैर-राजकोषीय प्रोत्साहनों में लाॅजिस्टिक्स क्षेत्र के लिए उद्योग और बुनियादी ढाँचे का दर्जा, उच्च भूमि कवरेज, ज़ोनिंग और ऊँचाई प्रतिबंधों पर छूट, 24/7 संचालन, कौशल और उद्यमिता विकास के लिए समर्थन और व्यावसायिक प्रक्रियाओं को सरल बनाने के लिए एकल-खिड़की मंजूरी शामिल है। इन उपायों का उद्देश्य निवेश को आकर्षित करना, परिचालन दक्षता को बढ़ाना और महाराष्ट्र में लाॅजिस्टिक्स पार्कों के विकास को बढ़ावा देना है।
निर्यात नीति की मुख्य विशेषताओं में निर्यातोन्मुख औद्योगिक परियोजनाओं के लिए बुनियादी ढांचे के विकास पर ध्यान केंद्रित करना है। नीति का उद्देश्य अतिरिक्त जनशक्ति, बुनियादी ढांचे और क्षेत्र निर्यात प्रदान करके निर्यात को बढ़ावा देना है। इसमें निर्यात संवर्धन और बुनियादी ढांचे के विकास के लिए प्रोत्साहन भी शामिल हैं। नीति में समुद्री उत्पाद, परिधान, वस्त्र, इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम, चमड़ा और अन्य जैसे विभिन्न क्षेत्रों को शामिल किया गया है। नीति में बड़े पैमाने पर लाभ के लिए अर्हता प्राप्त करने की शर्तों को भी रेखांकित किया गया है, जिसके लिए 100 करोड़ रुपये का अग्रिम निवेश आवश्यक है। उन्होंने क्षमता निर्माण और बुनियादी ढांचे के विकास के लिए वित्तीय सहायता की संभावना का उल्लेख किया। उन्होंने व्यापारी निर्यातकों पर निर्भरता और निर्यात में प्रत्यक्ष भागीदारी की आवश्यकता के मुद्दे पर भी जोर दिया। भारती ने आश्वासन दिया कि निर्यात और लाॅजिस्टिक्स पर दर्शकों द्वारा साझा किए गए विचारों और सुझावों को अनुकूल विचार के लिए शीर्ष स्तर पर उठाया जाएगा।
कौशल मोहता, अध्यक्ष वीआईए एक्जिम फोरम ने अपने उद्घाटन भाषण में वीआईए के बारे में जानकारी दी और वक्ता का परिचय भी दिया। वीआईए के पूर्व उपाध्यक्ष ओ एस बगड़िया ने जी ओ भारती का स्वागत किया। सीए नितिन अग्रवाल, परियोजना निदेशक, विनीत मोहता ने भी एस एस मुद्दमवार, जीएम,डीआईसी, नागपुर के साथ मंच साझा किया। कौशल मोहता ने भी सत्र का सारांश प्रस्तुत किया और धन्यवाद ज्ञापित किया।निर्यातक, उद्योग, सीईओ, निर्यात फर्मों के प्रमुख, लॉजिस्टिक्स कंपनियों ने सत्र में भाग लिया।